
मेरे जन्मस्थान में पंचायत चुनाव है। मेरा 'बेलौन' गाँव रमौली पंचायत में पड़ता है। रमौली, बेलौन और किशनपुर (नवादा) के कुल चार उम्मीदवार चुनाव में खड़े हैं जिसमें से एक उम्मीदवार मेरा भाई मनीष झा भी है।
चार उम्मीदवारों में से एक किशनपुर से उगन झा, निवर्तमान मुखिया हैं जिन्हें दो पद के लाभ में दोषी करार कर पदच्युत कर दिया गया। दूसरे उम्मीदवार रमौली निवासी और पूर्व मुखिया कुमुद मिश्रा हैं जो स्वयं चुनाव आयोग के द्वारा चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित हैं, सो उन्होंने अपनी आदरणीया माता जी को उम्मीदवार बनाया है। तीसरे उम्मीदवार रमौली से ही रौशन झा हैं जो पेशे से वकील हैं किन्तु क्षेत्र में कुछ करने से अधिक सबकी शिकायत करने और काम रोकने को लेकर अधिक चर्चित हैं।
वोट की संख्या के हिसाब से रमौली यदि एकजुट हो जाए तो किसी भी उम्मीदवार के लिए कोई चांस नहीं, किन्तु हमारा पंचायत जागरूक और समझदार लोगों का पंचायत है और इसका ही उदाहरण पेश करते हुए सबसे कम वोट वाले किशनपुर क्षेत्र से उगन झा विजयी हुए थे पिछले मुखिया चुनाव में।
मेरा परिवार तकरीबन चार पुश्तों से इलाके भर में समाज सेवा और लोकन्याय के लिए जाना जाता है। आज के चर्चित नेता रविशंकर प्रसाद जब वकालत सीखने के क्रम में स्व. ताराकांत झा जी के यहाँ रहते तो उन्होंने हमारा केस हाई कोर्ट में लड़ा था। मुझे याद है जब लैंड लाइन पर रविशंकर प्रसाद जी ने मुझे कहा था - चाचा जी को कह दीजिए वो जीत गए, वही मुखिया थे और वही रहेंगे।
परिवार में मेरे पिता और अब स्व. चाचा जी के "अतुल्य" रिश्ते का उदाहरण लोग आज कि मतलबी दुनिया में दूर दूर तक देते हैं। उन्हीं चाचा जी के लड़के मनीष के साथ मैं उसी भाई की तरह का संबंध रखने के प्रयास में हूँ। मनीष कमियों से पड़े नहीं है और यह मुझसे अधिक कोई नहीं जानता। वो लोग भी नहीं जो लोग मुझे फोन कर उसके किस्से बताते हैं और यह भी कहते हैं कि उन्हें पता है इसीलिए मनीष के लिए मैंने कोई प्रचार नहीं किया।
ऐसे सभी भाइयों से मात्र इतना कहूँगा की वो मनीष है जो चौबीस घंटे समाज सेवा को तैयार रहता है, अपने काम के लिए लड़ने वाला आदमी है, इलाके में किसी से भी अधिक पहुँच रखने वाला है, समाज के हर एक वर्ग और पंचायत के सभी गाँव में हर एक परिवार से जुड़ा है, उस तक किसी की भी पहुँच आसान है, वो किसी को झूठा आश्वासन नहीं देता, नकारात्मक राजनीति नहीं करता और ना ही नशेड़ी है... अंत में मैं उसका अभिभावक हूँ जो उसे समाज सेवा में कहीं भी पथभ्रष्ट होने नही देगा।
मनीष ने चुनाव में बहुत जमीनी और प्रौढ़ मुद्दे चुने हैं हैं जिसमें किसान चौपाल, पुस्तकालय, मवेशी सुरक्षा और सड़कों पर जल जमाव प्रमुख हैं। आगे जल और बिजली संबंधी समस्याओं के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करने की योजना भी है उसकी।

संप्रति मात्र चौदह महीने के इस कार्यकाल हेतु आप सभी पंचायत वासियों द्वारा मनीष झा को वोट कर पंचायत का मुखिया चुनने का आग्रह रहेगा। चुनाव 9 जुलाई को है और उसका चुनाव चिन्ह EVM क्रमांक दो पर है - ढोलक छाप !
जय हो विजयी हो!💐💐💐
ReplyDeleteजय हो विजय हो
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