Thursday, 8 February 2024

प्रेमोत्सव हफ्ते के 'प्रपोज डे' पर मेरे दो प्रपोजल


मित्रों सह मित्राणियों,
(खासकर वो लोग/लोगानियाँ सब जो Valantine Week मनाते हैं)

मेरी राम-राम पहुंचे आपको. 

आज फ़रवरी की आठवीं तारीख को प्रेमोत्सव हफ्ते का दूसरा दिन है. जी, कल के रोज-डे के बाद आज है प्रोपोज़ डे ! इस सुअवसर पर मेरी तरफ़ से आप सभी को दो प्रोपोजल देने की हिमाकत कर रहा. रहा. यकीन मानें की मेरे इस प्रपोजल से आपको मात्र नफा होगा. साथ ही इसमें मेरी कोई स्वार्थ सिद्धि नहीं है और इन सबसे ऊपर की बात ये कि आपका कुछ भी कटने का रिस्क भी नहीं मेरे प्रपोजल पर अमल से.

मेरा पहला प्रपोजल - आपने सुबह उठकर सबसे पहले अपनी दोनों हथेलियों को कम से कम २० बार रगड़ना है और फिर दोनों हथेलियों को अपने आँखों पर ऐसे सेट करके लगायें जैसे हम शरीर के भिन्न मुख्य स्थानों पर अपने कपड़ों की फिटिंग रखते हैं। आपके हाथों के घर्षण से उत्पन्न गर्मी हमारी आँखों की मांसपेशियों को मज़बूत करती हैं…. ध्यान रहे कई लोग सुबह सुबह हाथ मुँह और नाक आदि पर ले जातें हैं, यहाँ घर्षण के बाद आँख पर ले जाना है अपनी हथेलियों को.

मेरा दूसरा प्रपोजल - अपनी दोनों हथेलियों को आँखों के सामने रखते हुए देखना है। सनातन हमारी हथेलियों के अलग स्थानों में सभी देवताओं का वास कहती है, सो हमें बारी बारी से अपने प्रत्येक उँगलियों और हथेली के मध्य को निहारना है. यहाँ ध्यान देने योग्य दो बातें हैं। हथेली पर निहारते अपने कुल/ ग्राम देव-देवी का ध्यान करते हुए दो मंत्र अवश्य पढ़ें.

कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती ।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥

अर्थात, हमारी हथेली के शीर्ष पर देवी लक्ष्मी का निवास है, हथेली के मध्य में देवी सरस्वती का निवास है और हमारी हथेली के निचले स्थान पर श्री गोविंद का निवास है. इसलिए सुबह-सुबह हमें अपनी हथेलियों को देखना चाहिए और उनका मनन करना चाहिए। इससे व्यक्ति की दशा सुधरती है और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

अश्वत्थामा बलिर्व्यासो हनुमांश्च विभीषणः।
कृपः परशुरामश्च सप्तैते चिरंजीविनः॥
कृप: परशुरामश्च सप्तएतै चिरजीविन:॥
सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्।
जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।।

अर्थात - अश्वत्थामा, बलि, व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य और परशुराम ये सात चिरंजीवी हैं. इन सात के साथ ही मार्कडेंय ऋषि के नाम का जाप करने से व्यक्ति निरोगी रहता है और लंबी आयु प्राप्त करता है।

मैंने आप सबको प्रोपोज कर दिया, अब आप सबों की बारी है... आप सबने यह तय करना है कि बाबु-छोना में खुद को मलिन कर लेना है या फिर सख्त सनातनी बने रहना है... देख लें अपना अपना !

आप सबका ईमानदार शुभेच्छु 
प्रवीण कुमार झा  


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