Saturday, 10 May 2025

युद्ध अभी आरंभ हुआ है - शास्त्री को भी याद कर लें

विश्व की सबसे बड़ी महाशक्ति आपके साथ नहीं है और दूसरी महाशक्ति खुलकर आपके दुश्मन के साथ है... आपको बचे हुए मात्र दो कट्टर मित्र स्वयं युद्धरत हैं... आपको सामरिक और आर्थिक रूप से आगे बढ़ता देख कई देश जो खुलकर सामने नहीं आ रहे, आपके खिलाफ छुप छुप कर टोटके कर रहे... विश्व अब 1970 या 1990 वाला नहीं रहा। हमारा देश फिलहाल एक बड़े कूटनैतिक संकट के मुहाने पर खड़ा है, जहां जबान से अधिक दिमाग चलाने की आवश्यकता है। यहाँ मुझसे और आपसे बड़े ज्ञानी बैठे हैं... बड़े सुरमा चुप्प हैं, समझिए। आप और हम भी सोच कर बोलें या फिर चुप रहें।


ऐसे में एक कदम गलत होने पर देश 25-30 वर्ष पीछे जा सकता है जब हम फिर से मेट्रो, हाई-स्पीड ट्रेन और अंतरिक्ष में जाने की बात भुला कर फिर गरीबी उन्मूलन की बात करते नजर आएंगे। हम भावना प्रधान देश हैं, सही भी हैं हमारी भावनाएं, किन्तु भावनाओं से देश-परिवार नहीं चलता है। स्थायित्व, पैसा और दूरगामी योजनाओं का ख्याल रखना होता है।

हमारे मिथिला में एक कहावत है जिसमें सावन में जनमा गीदड़ भादव में हुई बारिश को देखकर कहता है कि बाप रे ऐसी बारिश इस जनम में नहीं देखी।

बीस-पच्चीस-तीस साल के लोगों को आज इंदिरा गांधी याद या रहीं, वो इंदिरा जिसने सत्ता कायम रखने को पूर्वोत्तर राज्य में उल्फ़ा, पंजाब में खलिस्तान, दक्षिण में एलटीटीई और कश्मीर में कई आतंकी संगठनों को संपोषित किया। वही जो पीओके वापस नहीं ला पाईं, वही जो इतनी मजबूत थीं की स्वयं की रक्षा नहीं कर पाई। नए जन्मे भाई-बंधुओं से छोटी गुजारिश रहेगी, थोड़ा परिश्रम करें, देश के नामचीन पत्रकार रहे कुलदीप नैयर जी की किताब है - 'ईमरजेन्सी की इनसाईड स्टोरी' - इसको पढ़ें और इंदिरा जी को समझें। और हाँ, वो मैथिल तो अवश्य ही पढ़ें जो ललित बाबू को अपना पहला विकास पुरुष मानते हैं। वैसे यदि हम समझना चाहते तो हमें लाल बहादुर शास्त्री भी याद आते... वो शास्त्री जिन्होंने गुदरी में लाहौर फतह किया था... जिन्हें साजिश से मार दिया गया था... लेकिन खैर नहीं समझ आएगी हमें आपको यह बात।

देख रहा हूँ लोगों को अटल जी भी बहुत याद आ रहे। खुद को ऐसा लग रहा जैसे मुझे तो आज ही पता चला की अटल जी इतनी बड़ी तोप थे जिनसे अमरीका डर गया था। जो लोग पोखरण के बाद अमरीका की पाबंदियों से आई मंहगाई पर अटल को मूढ़ कह कर गाली दे रहे थे आज वो लोग अटल-जिन्दाबाद कह रहे। वो लोग जो प्याज जैसी चीज के लिए अटल को चुनाव हरवा गए थे, वो लोग जो अनैतिक रूप से एक वोट से अटल को पदच्युत कर गए थे... और वो लोग भी जो अटल के मरणोपरांत उसे ऐय्याश, बेवडा आदि आदि कहते नहीं अघाते थे, सब के सब आज अटल को याद कर रहे हैं। कसम से आँखों में आँसू आ रहा।

अंत में, वर्तमान परिस्थिति अति संवेदनशील है जिसके एक्सपर्ट हम और आप दोनों ही नहीं, जिसके लिए हमने सरकार को चुना है और सरकार ने अधिकारियों को... हम आप उनके साथ खड़े भले न हों कम से कम दिखें - फिलहाल यही राष्ट्रधर्म है।

भारत ने आतंकी हमले के जवाब में संभवतः दुनियाँ का अब तक का सबसे सटीक और मारक हमला कर बदला लिया, वो सैन्य रूप से पाकिस्तान को तबाह कर चुका था, उसके परमाणु गढ़ तक पहुँच चुका था, अपनी अभेद्य सुरक्षा को विश्व भर में प्रदर्शित कर चुका था... ऐसे में पाकिस्तान के बहाने पुनः विश्व का चौधरी बनने को अमरीका और उसकी जमीन पर अपना अरबों लगाए चीन और तुर्की का आना स्वाभाविक है।

स्वाभाविक तो यह भी होगा कि कल को नरेंद्र मोदी की भी बहुत याद आएगी अगली जनरेशन को... फिलहाल ध्यान रहे, मोदी विरोध के चक्कर में देश विरोध वाला गियर ना लगाएं। थोड़े समय जबान से अधिक कान और दिमाग चलाएं हम लोग, कूटनैतिक युद्ध अभी शुरू हुआ है, जिसमें मोदी जी फिलहाल फेल हुए हैं, पढ़ रहे हैं... क्या पता पास हो जाएँ। फिलहाल काफी कुछ धुंधला है, कोहरा छँटने का इंतजार करें !


9 comments:

  1. Anonymous5/10/2025

    वाह मन खुश हो गया 👍 आइना दिखा दिया

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  2. rajeev ranjan jha5/10/2025

    बहुत सही लिखलौ।

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  3. Anonymous5/10/2025

    Bilkul sahi sir,
    Abhi hamari sarkar aur defence ministry ne jo sabak sikhaya wo bahut hi jaruri tha lekin isse alag hame durgaami vision (developed countries) world’s top 3 economy countries me aana sarkar ki prathmikta hoga. Ham fir se 30 saal piche nahi ja sakte in aatankistan ke wajah se.

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  4. Anonymous5/10/2025

    खोलने वाली लेख है आचार्य जी ....यानी खिचड़ी धीरे -धीरे खानी है।

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  5. Bhawesh Jha5/10/2025

    Sahi baat..!
    Sab lalbujhakkar banae chhaith..apan apan kaaj dhang se kari aa kara diyae..mangale par vimarsh dbak chahi..🙏

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  6. Anonymous5/10/2025

    बहुत सटीक, बहुत ही उम्दा आलेख भाय👌

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  7. Anonymous5/10/2025

    बहुत उम्दा और राष्ट्र हित आलेख 👌👌👏👏🙏

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  8. Anonymous5/10/2025

    Bilkul ek ek baat sach hai sir

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  9. Chandra Shekhar Choudhary5/12/2025

    एक एक शब्द अकाट्य!

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